खास नहीं था, हमारे प्यार के
इज़हार के लिए
याद भी नहीं कि वो पहली पहली बार
एक दूसरे से कब इज़हार किया था और कैसे
आपका वो अंदाज़े बयाँ कुछ अलग ही होता था
सब सच कहते कहते, थोड़ा कुछ छुपा जाते
कुछ भी ना कहते हुए भी
आँखों से होते हुए
दिल की गहराइयों में उतर जाते
आज इतने सालों बाद भी सिर्फ
ये दिन ही हमारे प्यार का साक्षी नहीं होता
वो हर पल ,हर लम्हा साक्षी बन जाता है
जब हर छोटी छोटी बात
हम एक दूसरे के लिए कहते हैं , सुनते हैं
वो हर छोटे से छोटा काम
एक दूजे की ख़ुशी के लिए करते हैं
और साक्षी होती है, हमारी बिटिया
जो हमें लड़ने नहीं देती
हमारे बहस करने पर वो रो पड़ती है
हमसे फिर न लड़ने झगड़ने का वादा लेती है
और हम दोनों उसके आंसुओं को पोंछते हुए
उससे मनुहार करते हैं कि वो हमसे न रूठे
ये सब तो बस हो जाता है
हम झगड़ते थोड़ी हैं।
हमारा प्यार अब वो भी तो समझती है
हमने कभी उसको, बताया तो नहीं
प्यार का एहसास, वो जान जाती है।
ये एहसास हमारे बीच सिर्फ आज के दिन ही नहीं
हमेशा यूँ ही बना रहे।
लम्हा लम्हा , कतरा कतरा हमारे दिलों का
प्यार का सागर एक दूजे की मोहब्बत से
भरता रहे,
फिर भी, जग की रीत
निभाते हुए मैं आपसे कहती हूँ
हैप्पी वैलेंटाइन डे
अमिता गुप्ता मगोत्रा
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